ध्यान दो यथा पहले वचनम्
यह पवित्र वाक्य, यह अभिनंदन करता है। यह हमारी परंपराओं को व्यक्त करता है और हमें मार्ग की ओर ले जाता है। हर पंक्ति में गहरा अर्थ छिपा हो
यह पवित्र वाक्य, यह अभिनंदन करता है। यह हमारी परंपराओं को व्यक्त करता है और हमें मार्ग की ओर ले जाता है। हर पंक्ति में गहरा अर्थ छिपा हो